केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?

केशव और श्यामा का मन पाक साफ था। वह भूलकर भी चिड़िया के अंडों को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहते थे। इतना जरूर था कि उन्हें उनके बारे में कुछ भी पता नहीं था। उन्हें लगता था कि चिड़िया के अंडों को कोई तकलीफ न हो। वह दोनों इस बात से अंजान थे कि चिड़िया अपने बच्चों की सुरक्षा खुद करने में सक्षम है। वह उन्हें सभी परेशानियों से बचा सकती है। जब बच्चों ने चिड़िया के अंडों को ऐसे रखे हुए देखा तो उन्हें बुरा लगा। इसके बाद उन्होंने अंडों को उठाया और कपड़े की गद्दी पर रख दिया। केशव और श्यामा को यह बात नहीं पता थी कि अंडों को अगर कोई भी छू ले तो चिड़िया फिर उन्हें सेती नहीं है। इसी वजह से चिड़िया आखिर में अंडों को गिराकर चली गई।


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